इ-हवा-रजा-बनारस जहां के लोगन के जुबां पर हमेशा हर हर महादेव का नाङा रहेला यहाँ के लोग के जीवन कुछ यूँ मजेदार हव आवा गुरू आज बनारस के बारे मे कुछ बताई!
शुरुआत सबेरे से करल जाए ।
बनारसी सुबह पहिले उठ के हर हर महादेव का नाङा लगईयन फिर गमछा ले के गंगा जी चल जईहन गंगा जी में तीन डुबकिया लगा हर हर महादेव बोल निकलिहन गमछा गले मे लटका के घाट से निकलले के बाद मंदिर में जा के माथा टेकिहन पूजा कईले के बाद गुरू चऊचक कचऊडी आऊर पाँच रूपया क जलेबी खा के पानी पी के गमछा में मुंह पोंछ के चल दिहन दुकान वाले से कहिहन चच्चा आवत हई त पईसवा देईला आगे जाके एक पुरवा चाय पि के एक पान खां के चल दिहन आपन दुकान खोले, दुकान खोलले के बाद पूजा करिहन अब बजल दस लगल भूख आई घरे से खाना खईले के बाद दुकाने मे गमछा बिछा के सूत जहिहन उठले के बाद दुकान देखलन अब बजल दुपहर का बारह फिर लगल गुरू भूख अब आई बनारसी चच्चा का समोसा आऊर लौंग लता खईले के बाद पानी पिछले के पान खा लिहन शाम होते होते आवे लगल फोन दोस्त क का बे अईबे बस निकल गईली भोसडी के फोन कट जाई। फिर थोड़ी बाद फोन आई का बे एक हि दिन सब कमा लेबे जल्दी आव नाही त हमने जात हई इतना कह के फिर फोन कट जाई दुकान बड़ा के निकल जहिहन तब से आवाज आई का हो सबेरे क पईसवा देबा तब से आवाज आई हम का भागल जात हई का ले लिहा कल सबेरे इतना कह के दोस्त के पास चल जहिहन तब से एक दोस्त बोली कबे भोसडी के भयल हऊवे नेता जो ईतना देरी में आवत हऊवे तब से बोलिहन नाही भोसडी के एक मिला मिल गयल वही में देरी हो गयल सब दोस्त मिल के आधा एक घंटा बितले के बाद घरे से फोन आना चालू होई का तोरे लिये घरे मे सब बईठल रही उधरे सूत जाए आवत हई कह के फोन कट जाई एक घंटा बितले पर फिर फोन अईबे कि नाही नाही त दरवाजा बंद कर देब फिर सब अपने अपने घरे पहुंच के बाऊ का गाली सुन खा के सूत जहिहन।
फिर कल से वही आपन रोजाना काम।
यहाँ गुरू खाली दिन बदलेला हरकत नाही।
यही के साथ बनारसी का दिन खत्म।
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